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हिन्दी फिल्म जगत के महान अभिनेता देव आनन्द, जिन्हे सदाबहार नायक कहा जाता है का जन्म 26 सितम्बर 1923 को पंजाब में हुआ था। उनकी फिल्मों को देखकर अगर कोई उद्द्वेलित न हो ऐसा हो नहीं सकता।
उनकी गाइड फिल्म देख कर मुझे उनके अभिनय के बारे में ज्यादा जानकारी हुई| उनकी जिन्दादिली और अभिनय ने आर.के.नारायणन के ‘गाइड’ को बखूबी निभाया| उनके पात्र को अपने जिन्दादिली अभिनय से और निखारा| ट्रक पर फिल्माया गया गीत ‘ काँटों से खीच के आँचल‘, अपनी अलग तरीके के अभिनय के लिए मशहूर देव साहब ने उस गीत को अमर कर दिया|
उनकी स्टाइल सबसे अलग थी, कहा जाता है उनके घर के सामने लोगो की भीड़ जुटी रहते थी| उनके एक दीदार पाने के लिए लोग पागल हो जाते थे| उनके स्टाइल के दीवाने लड़के तो थे ही पर लड़किओं की एक खासा भीड़ उनकी झलक को पाने के लिए पागल हो उठती| सिर पर हैट, गले में स्कार्फ और अपने अलग किस्म के शर्टों के लिए देव साहब मशहुर तो थे ही उसके साथ साथ अपने प्रेम जीवन के लिए भी वो चर्चा में बने रहे|
‘प्रेम पुजारी’ का गीत ‘सोखिओं में घोला जाये‘ जिसे ‘नीरज’ ने लिखा है, जिसमे देव साहब तितली पकड़ते नजर आते हैं| उन्होंने इस गीत को सदाबहार कर दिया| उनकी एक खासिअत ये भी रही कि उन्होंने अपने को कभी भी व्यस्क नहीं होने दिया, हर एक बात को, हर एक पल को प्यार से जिया,उनकी आत्म कथा ” रोमेंसिंग विथ लाइफ” इस बात का एक जीता जगता उदाहरण है|
Tag: Dev Anand, Romancing With Life, Dev Anand Style, देव आनंद ,गाइड ,
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